चरक अस्पताल से मरीजों का सौदा करने वाली रेफर गैंग सक्रिय। सीएमएचओ का टका सा जवाब चौकीदार हूं क्या?


उज्जैन प्राइवेट अस्पतालों में कमीशन की राशि की प्रतिस्पर्धा के चलते चरक अस्पताल में मरीजों का सौदा करने वाली रेफर गैंग अस्पताल प्रशासन की नाक के नीचे सक्रिय।

सिंहस्थ 2016 मैं 100 करोड़ की लागत से से बना सर्व सुविधा युक्त मातृ शिशु अस्पताल( चरक भवन) इन दिनों अर्थपिपासुओं की हीन हरकत से "सफेद हाथी" साबित हो रहा है ।

इसके पीछे अस्पताल प्रशासन की लचर व्यवस्था और ढिलाई का फायदा उठाते हुए यहां रेफर रैकेट सक्रिय है। इसमें आशा कार्यकर्ता और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व वार्ड बॉय की भूमिका सामने आ रही है। गुरुवार एक ऐसा मामला प्रकाश में आया जिसमें ग्राम उमरिया खालसा निवासी गर्भवती महिला राधा पति जितेंद्र को आशा कार्यकर्ता प्रसव के लिए चरक अस्पताल लेकर पहुंची थी। जहां प्रसूता को भर्ती करने के बाद ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक ने प्रसूता को खून की कमी बताते हुए प्रसूता व नवजात शिशु की जान को खतरा होने की जानकारी देकर डरा दिया, इसके बाद आशा कार्यकर्ता प्रसूता को लेकर निजी अस्पताल तेजनकर पहुंची। इस घटना की जानकारी लगने पर सीएमएचओ डॉक्टर महावीर खंडेलवाल को अवगत कराया तो उनका टका सा जवाब था कि क्या मैं चौकीदार हूं ?  आशा कार्यकर्ता ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही व डॉक्टरों की दरिंदगी की दास्तां बयान करते हुए बताया कि जब मैं प्रसूता को लेकर पहुंची तो प्रसूता के शरीर में पर्याप्त कौन होने के बावजूद खून की कमी बताकर परिजनों को डराया गया इसके बाद मैं प्रसूता को लेकर तेजनकर अस्पताल पहुंची। गौरतलब रहे कि पूर्व में कलेक्टर आशीष सिंह के द्वारा मरीजों को रेफर करने के मामले को लेकर सीएमएचओ को जांच के आदेश दिए थे जिसे सीएमएचओ घोलकर पी गए।

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