शिक्षा के साथ संस्कारों के पर टिका एक विद्या मंदिर - सरदाना इंटरनेशनल स्कूल



भोपाल, 25 फरवरी 2023: "इतिहास के पन्ने के दावे कि विश्व के लिए भारत सभ्यता की रीढ़ रहा है। जबकि गुलामी का विभस्त काल शुरू होने से पूर्व भारत राजनीतिक रूप से हालांकि नहीं लेकिन आर्थिक व शैक्षिक रूप से हमारा देश काफी हद तक समृद्ध था, और वांछनीय दृष्टि से इसे मजबूत बनाने में गुरुकुल शिक्षा पद्धति की प्रमुख भूमिका रही थी, जिसे बहुत संगठित तरीके से भारत की आत्मा से अलग कर दिया गया। वर्तमान परिदृश्य में शिक्षा एक व्यवसाय बन गई है, और विद्या मंदिर कहते हैं जाने वाले स्कूल कॉर्पोरेट ऑफ़िस में छोटे हो गए हैं।" ये कहना है मध्य प्रदेश के देवास में स्थित सरदाना इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक और शिक्षक ललित सरदाना का, जो पिछले 26 वर्षों से अनिवार्य रचना, मेडिकल जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ के लिए जाने जाते हैं।   

भोपाल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान पापाराजी से बातचीत करते हुए, ऑल इंडिया 243वीं रैंक होल्डर, और फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स जैसे महत्वपूर्ण विषयों की तैयारी खुद ही ध्यान रखने वाले दिल्ली से पासआउट, सरदाना सर ने भारत के एजुकेशन सिस्टम में कुछ जरूरी पर प्रमुख जोर दिया है। सरदाना सर के मार्गदर्शन में सरदाना इंटरनेशनल स्कूल, खेल में भी छात्रों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए प्रचार कर रहा है। परिणाम स्वरूप सरदाना स्कूल के बच्चों की शिक्षा में आशातीत परिणाम के साथ-साथ खेल में भी अव्वल बने हुए हैं। इसलिए ही नहीं आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए भी विशेष व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि बच्चों की शिक्षा और व्यक्तित्व में निखार आए, आर्थिक पक्ष रोड़ा न बने।     


उन्होंने कहा, "किसी भी व्यक्ति या व्यक्तित्व की इमारत संस्कारों पर ही टिकी होती है। इसे ध्यान में रखते हुए सारदाना इंटरनेशनल स्कूल, बच्चों में संस्कार के रास्ते शैक्षणिक व्यवस्था से जोड़ने पर आधारित है। जहां सनातन धर्म की खोई हुई परम्पराओं को पुनः जाग्रत करने के लिए बच्चों और युवाओं को भारत की मूल संस्कृति, शिक्षा और सभ्यता से जोड़कर, प्रतियोगी विश्व के काबिल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें खेल से जुडी गतिविधियां भी शामिल हैं" 

सुबह 4 बजे से लेकर योग, प्राणायाम व ध्यान के साथ अपने दिन की शुरुआत करने वाले, देश के विभिन्न शहरों से सरदाना इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे, कॉम्पिटिशन परीक्षाओं में बेहतर परिणाम के मामले में किसी से पीछे नहीं हैं। यहां तक ​​कि विभिन्न खेलों में भी यह बच्चा सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के साक्षी बने हैं। पढ़ाई हो या खेल, बच्चों के बेहतर परिणाम में अनुशासन को मुख्य कारण दिए हुए सरदाना सर कहते हैं कि "हम सभी में संघर्ष करने से शक्ति का जन्म होता है, और इस शक्ति का सही उपयोग अनुशाषित जीवन को अपनाकर ही सही तरीके से किया जा सकता है इसलिए भले ही वह आधार स्तर से लेकर उच्च पदस्थिति पर क्यों न हों, संस्कृति, शिक्षा से जुड़े अनुशासन का पालन करके सफलता की हर सीढ़ी आसानी से उतर सकते हैं।"  

सरदाना इंटरनेशनल स्कूल में डेटा रखने वाले बच्चों के माता-पिता के लिए यह स्कूल किसी गुरुकुल की तरह है। मोबाइल और टेलीविजन का पूर्ण प्रतिबन्ध, इस स्कूल की कई यूनिक अनन्य में एक है। यह किसी बंदिश का स्वरुप न देकर व्याकुलता के माध्यमों में शामिल है, जो कुछ नए उपदेश से अधिक, ध्यान बंटाने के अधिक काम आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त यह बच्चों के मनोरंजन के लिए खेल, संगीत, नृत्य, योग, स्कूल ध्यान और प्रेरक सेमीनार जैसे अपना उपयोग करता है। ऐसे ही कुछ अन्य प्रमुख करक हैं, जो केवल मध्य प्रदेश नहीं बल्कि पैरेंट्स को अपने बच्चों की निगाहों से आकर्षित करते हैं। 


गोपनीयता के बाद, स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी लेता है 

मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए, सरदाना सर ने कहा कि, हम पैरेंट्स को स्कूल से सम्बंधित सभी नियम कायदे पहले ही समझा देते हैं, एजुकेशनल स्ट्रक्चर से लेकर स्कूल के रहन सहन व वातावरण के प्रति पूर्ण संतुष्टि के बाद ही हम किसी छात्र को एडमिशन देते हैं, ताकि उनके सर्वांगीण विकास को एक मजबूत नींव दी जा सके। जबकि आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मानसिक रूप से सक्षम विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधाएं भी दे रहे हैं।

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