*बाबा जयगुरुदेव आश्रम में हुआ सभी 13 अखाड़ों, महामंडलेश्वर, साधु जनों का स्वागत सम्मान* *सतयुग जैसा वातावरण देश में लाने के लिए समस्त साधू समाज को एक होकर जन हित और देश हित का काम करने की जरुरत है*



उज्जैन निजामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के 11वें वार्षिक मार्गदर्शक भंडारा कार्यक्रम के अंतिम दिन 17 मई 2023 प्रातः कालीन बेला में बाबा जयगुरुदेव आश्रम रूपी छोटे सिंहस्थ में वक़्त के सन्त सतगुरु बाबा उमाकांत जी महाराज ने दिए सतसंग में बताया कि पिछले जन्मों में आप कहीं थे। अच्छे बुरे दोनों कर्म किये। अच्छे ज्यादा किये इसलिए मनुष्य शरीर मिला। पूरे गुरु नहीं मिलने पर बहुत से लोग बाहरी क्रियाओं में ही अपना अमूल्य जीवन खत्म कर दे रहे हैं और आत्मा का कल्याण नहीं हो पा रहा। इस तरह के सत्संग कार्यक्रमों में कर्म हल्के, काटे जाते हैं। जैसे ज्यादा गंदे कपड़े को साफ करने के लिए ज्यादा सोडा का स्पेशल साबुन बार-बार लगा कर रगड़ करनी पड़ती है ऐसे ही पुराने कर्मों को तन-मन-धन से सेवा करके काटा जाता है।


*13 अखाड़ों, महामंडलेश्वर, साधु जनों का स्वागत सम्मान*


बाबा जयगुरुदेव शब्द योग विकास संस्था द्वारा सभी 13 अखाड़ों और महामंडलेश्वर, साधु जनों का स्वागत सम्मान भी इसी कार्यक्रम में किया गया। आशीर्वचन के रूप में पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया की साधू लोगों को सुख शान्ति दिलाने के लिए भेजा जाता है। साधू समाज का स्थान जो भारत में है, वो बना रहे इसके लिए विचार करने की जरुरत है। इनका फर्ज है कि खान-पान चाल-चलन सही रहे, स्वयं को परखते रहो कि हमारी मर्यादा बनी रहे, लक्ष्मण रेखा लांघी न जाए।मर्यादा का हनन नशे की स्थिति में होता है इसलिए किसी भी नशे का सेवन न किया जाए। यह मनुष्य शरीर परहित जनहित के लिए प्रभु ने दिया है। परमारथ के कारने संतन धरा शरीर। 


*साधुओं को एक मत होकर जन हित देश के काम करने की जरुरत है*


साधू समाज चाहे तो देश ही नहीं, विश्व को बदल सकता है। आध्यात्मिक शक्ति से सम्मान बढ़ा सकता है। देश हित, जनहित के मुद्दों पर सबको एक हो जाना चाहिए। काल और माया के देश में एक दुसरे की निंदा बुराई, नीचा दिखाने की प्रवृति अब साधू समाज में दिखाई दे रही है। इससे बचने की जरुरत है। आम लोगों में अब इनके प्रति सम्मान श्रद्धा विश्वास ख़तम हो रहा है। यदि जनता के हित के लिए काम नहीं किया तो क्या फायदा? सतयुग जैसा वातावरण लाने की जरुरत है।


*कहने से नहीं, करने से होता है*

भारत को विश्व गुरु बनाने का काम करने पर ही तो होगा। सबको मिलकर देश का नाम बढ़ाना है। उकसाने पर हड़ताल तोड़फोड़, आगजनी, ह्त्या में देश का, जनता का ही नुक्सान होता है। ये अधिकारी कर्मचारी पुलिस वाले आपके-हमारे ही बच्चे तो हैं। तो सबमें अपनत्व की भावना भरने की जरुरत है। हम तो सेवक हैं। सभी अच्छे कामों में हम, हमारी संस्था और हमारे प्रेमियों का सहयोग सेवा रहेगी। सबसे ये प्रार्थना है कि जिन भी देवी-देवता को आप मानते हो, उन्हें रोज सुबह-शाम याद करो, एक दिन इस मनुष्य शरीर को ख़त्म हो जाना है। सभी आगुन्तकों का आभार संस्था के सचिव वैद्य कैलाश जी द्वारा किया गया।

*गुलाबी हुआ उज्जैन*

लाँखो बाबा उमाकान्त जी महाराज के भक्तों के आगमन से उज्जैन का नज़ारा सिंहस्थ जैसा हो गया है जहाँ हर तरफ गुलाबी वस्त्र,गुलाबी टोपी, गुलाबी दुपट्टा नज़र आ रहा है। आश्रम में जिधर नज़र घुमाओ बस गुलाबी ही गुलाबी नज़र आता है जिसने उज्जैन को जयगुरुदेव शहर का रूप दे दिया है।


जयगुरुदेव

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