अपना अधिकार पाने का जुनून क्या होता है, और उसे पाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है यह सब रतलाम जिले के डोडर निवासी कैलाश राठौड़ के संघर्ष से पता चलता है
सरकार की बिगड़ी अफसरशाही व्यवस्था के चलते पिछले 28 वर्षों से अपनी समस्या के समाधान के लि ए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहै है लेकिन आज भी न्याय उनसे कोसों दूर है फिर भी उनका हौसला बरकरार है
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ग्राम ढोढर निवासी कैलाश राठौड़ विगत 28 वर्षों से अपने मकान और प्लाट को अपने नाम दर्ज करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर जवानी से बुढ़ापे की दहलीज पर कदम रख चुके हैं मगर हिम्मत नहीं हारी
मंगलवार को कैलाश राठौड़ ने उज्जैन प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए अपने संघर्ष की व्यथा बया करते हुए बताया कि आखिर कैसे हमारे देश में न्याय को अफसरशाहीयों ने उलझा रखा है । अब प्रधानमंत्री के दफ्तर के आगे धरना देकर लगाएंगे न्याय की गुहार ।