अंतर्गत मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा "भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में मुक्त और दूरस्थ शिक्षा का योगदान" ( राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में) विषय पर समानांतर सत्र आयोजित किया गया।
जिसकी आद्यक्षता प्रोफेसर नागेश्वर राव तथा मुख्य अतिथि प्रोफेसर कैलाश सोडानी जी कुलपति कोटा विश्वविद्यालय ने की| मुख्य अतिथि श्री कैलाश सोडानी जी ने देश की प्रगति का आधार शिक्षा को बताया साथ ही उन स्कूली शिक्षा को
क्षेत्रीय भाषा में संचित हो सकेगी | इसके साथ शोध के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही। ऑनलाइन शिक्षा को भी बढ़ावा और देश के ओपन डिस्टेंस एजुकेशन विश्व विद्यालय को व्यवस्थ| के लिए तैयार रहे। उच्च शिक्षा ऑनलाइन शिक्षा को अपना केर आत्मनिर्भर और समाज को सशक्त बनाएं।
प्रोफेसर नागेश्वर राव जी कुलपति इग्नू विश्वविद्यालय। 38 साल से ओपन डिस्टेंस एजुकेशन को बढ़ावा दे रहा है। इग्नू अभी तक 35 लाख विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान कर चूका है। वर्तमान शिक्षा नीति में जीईआर को 50% तक बढ़ावा देना का लक्ष्य है . उन्होन विश्व विद्यालय को नैक एक्रिडिटेशन एवं नैक एक्सीमेंट को संचालन अनिवार्यकर्ण बताय। ओपन डिस्टेंस विश्वविद्यालय अपने 4 क्वाड्रंट सिस्टम के अनुसार सुविधा दी जा राही है। भारत सरकार दुआरा चैनल आधारित शिक्षा जिस माई ऑडियो और वीडियो का भी प्रयोग होगा। स्वयं पोर्टल की मदद से क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम से विश्वविद्यालय में कोर्स किए जा रहे हैं। स्वयंप्रभा चैनल के मध्यम से 12 मात्रभाषा विभीन कोर्स उपलब्ध है। मुक्त विश्वविद्यालय और परम्परा विश्वविद्यालय की अध्ययन सामग्री और पाठ्य पुस्तक भी मातृभाषा में प्रेक्षित लिया गया है। ये सभी व्यवस्थाये आत्मनिर्भर और गुणात्मक तौर पर भारत का विकास करेंगे|
कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी जी मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ज्ञान, कोशल, नैतिक मूल्य पर योगदान के विषय दृष्टि डाली . डिस्कवरी आविष्कार और मेक इन इंडिया की कुंजी शीशा हो गई है। भारत को आत्मानिर्भर बनाने के लिए उच्च शिक्षा के साथ स्कूली शिक्षा पर भी निर्भर करता है। विश्वविद्यालय को भी सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल पर कार्य करना चाहिए।
कोशल, नैतिक म आविष्कार और मेक इन इंडिया की कुंजी श
लेफ्ट कर्नल विनोद सिंह यादव जी यूजीसी सचिव, ने आत्मनिर्भर भारत और ओपन डिस्टेंस एजुकेशन की भूमिका के विषय पर अपने विचार रखे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 - 1986 के बाद बदल रही है मेक इन इंडिया के लिए। एनईपी 20 ने नए तकनीकी बदलावों के साथ प्रवाह को दृष्टि दी। एनईपी क्लासरूम टीचिंग से ऊपर उठकर ऑनलाइन शिक्षा भी लाभ ले सके। विश्वविधा अपने पाठ्यक्रम को वास्तविक दुनिया प्रभावी बनाना चाहिए। डिजाइन सीखने के उद्देश्यों को ध्यान माई रख के बनाए जाए।विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण सोच और मूल्यांकन प्रक्रिया से गुणात्मक हो. सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग कैसे हो उसका ज्ञान भी विद्यार्थी को होना चाहिए।डॉ सूर्यवंशी जी ने सभी सुधिजानो का आभार व्यक्त किया।