करनाल (हरियाणा) निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आलौकिक उत्तराधिकार, केवल बातों से नहीं बल्कि ठोस योजना बनाकर आगे बढ़ने वाले और बढ़ने का संदेश देने वाले, आम और खास दोनों लोगों को सहज में परमार्थ उपदेश का सूत्र बताने वाले, देशभक्त और जनसेवा प्रचार प्रसार करने वाले, पूरे समरथ संत सतगुरु, लोकतंत्र सेनानी, मसामेन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने 17 जून 2023 सायं करनाल (हरियाणा) में दिए गए व विशेष यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारण संदेश में बताया कि यह नहीं कहा गया है आप जाति धर्म दो छोड़ें या अपना विचार भावना पूजा, जिस पाठ के पाठ इबादत में लगे हों, दो छोड़ें। लेकिन इसके साथ ही आपको अपने लिए, अपने व्यापार के लिए, बच्चों के परिवार के लिए, ऑटोमोबाइल के लिए समय की आवश्यकता होती है।
*फौज के सिपाही हर परिस्थिति का मुकाबला कर चुके हैं और गांव में काम कर सकते हैं*
देखिए यहां फौज के सिपाही, अधिकारी बैठे हैं। ये हर परिस्थितियों का मुकाबला कर चुके, उसमें रह चुके हैं। ये जितना दूरगामी काम कर सकते हैं, उतना साधारण आदमी नहीं कर सकते। लेकिन जब यह सोचेंगे कि हमको कुछ करना है, जितनी भी सरकार की, हमारी और आपकी अच्छी योजनाएं बनेंगी, इनको यह जरुरत वाली जगहों पर पहुंचा देंगे तब उनके शरीर और आत्मा को सुख प्राप्त हो जाएगा।
*हमारी संस्था सारा काम नि:शुल्क करती हैं*
उदाहरण के तौर पर हम कर्मचारी हैं। हमारी संस्थाएं सारा काम नि:शुल्क, अवशेष का करती हैं। ऐसे लोगों को लाभ पहुंचाना चाहता है कि जहां तक लोग पहुंचें नहीं। यह हर साल कंबल, टोपा, जर्सी बॅंटवेट हैं। प्रेमी सहयोग जुटाकर सब काम करते हैं। बाँटते तो बहुत लोग हैं, किलेबंदों को, टुकड़ों को मिल जाते हैं लेकिन ज़ांटमंदों को नहीं मिलता, जो ठंड में ठिठुरते रहते हैं। तो हमारे प्रेमी चले गए, झोपड़ियों में। मैं खुद कई किलोमीटर पैदल चलने वालों की जगह-जगह गया हूं। पूछो तो यहाँ तक बोलो कि कोई पहुँच ही नहीं पाता। बिचारे, नीचे बोरा, ऊपर से धान का पुआल, सिक्के ओढे हुए निवेशक गुजरात रहे हैं। जग-जगा करके कंबल ओढ़ाये गए। तो असल में उन तक पहुंचना जरूरी है।
*सभी डॉक्टर संकल्प बनवाएं, जहां कोई नहीं पहुंच सके वहां पर्यटक जनसेवा करें*
हमारे बीच में डॉक्टर भी बैठे हुए हैं। यही संकल्प बनावें की एक दिन की छुट्टी में हम दुर्गम स्थान पर यात्री जन सेवा लेंगे, दवा का वितरण करेंगे। शहरों में तो अलग-अलग जगहों पर ऐसी जगहें हैं, जहां वास्तव में जरूरत है। जिसके पास न धन है न बिमारी की वजह से दुर्भाग्य में शक्ति है। ऐसी योजना बनावें तो आपका आशीर्वाद मिलेगा से धन धान्य मान-प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद मिलेगी। नाम और काम दोनों होंगे। और इन अच्छे कर्मों का लाभ भजन में, अपने जीवात्मा के कल्याण में मिलेगा। तो ऐसी योजना की आवश्यकता है।
*ग्रंथों में लिखित दृश्य कब प्रकट होते हैं*
बिना किसी नौकर के, बिना किसी उम्मीद के निशान को खिलाना चाहिए। इस समय की जरूरत है कि सब लोग एक साथ मिलकर अगर योजना बनाएं, काम करें, सारा भेदभाव, जाति पाति, भाई भतीजावाद, भाषावाद आदि जहर को उजागर करके, भूलकर अगर सेवा, देश सेवा, जन सेवा का भाव बनाकर देश का पाठ्यचर्या का लक्ष्य बनाकर अगर सब लोग आगे बढ़ें तो यह बहुत जल्दी राम-कृष्ण, गुरु गोविंद सिंह, रामदास जी, अर्जुन देव महाराज, नानक जी जैसे भूमि बन जाएं। देखे गए दृश्य और दृश्य दृश्य जो ग्रंथों में लिखे गए हैं, वह सभी दिखाई देंगे। हम राष्ट्रवादी मानव भक्ति का पाठ पढ़ना चाहते हैं, सत्य अहिंसा परोपकार और सेवा रूपी धर्म की पुनर्स्थापना करना चाहते हैं, इस जीवात्मा के कल्याण का काम करना चाहते हैं जो हमारे गुरु महाराज करते थे। आत्मा का कल्याण हो जाये।
*बिना मार काट के प्रगतिशील क्रांति से बदलाव आ जाएगा*
आप बुद्धिजीवी लोग अपने-अपने तरीके से ही सही, भारत की लुप्त होती पुरानी संस्कृति का प्रयास करेंगे तो वह पुनः प्राप्त कर सकता है। मैं अपने लक्ष्य की ओर लगातार लगा हुआ हूं लेकिन आप जैसे बुद्धिजीवी और बाल युवा जो सुन रहे हो, अगर साथ दे दोगे तो काम जल्दी हो जाएगा, तीर-तलवार के विध्वंस, मार-काट, तीर-तलवार के विकसित क्रांति द्वारा काम हो जाएगा, विचार में बदलाव ला करके काम करवा दिया जाएगा। बस सहायता की आवश्यकता है। आप बुद्धिजीवी लोग योजना बनाएं और लागू करें। हम सहयोग कर सकते हैं।
*मुख्य रूप से प्रेम की जगह बनाईये*
हमारे लिए अपने दिल में प्यार की जगह बनायें। तिफ़रके बाजी, एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। यह प्लास्टिक बहुत ज्यादा मात्रा में पकाया जा रहा है। जहां पर लोग अच्छे में मनमुताव और तिफरका स्केटबोर्ड चला रहे हैं वहीं पर बुरे लोग अपनी ताजातरीन प्रेम फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। ये कलयुग का है असर। काँटों के बीच गुलाब, विविधता में कमल के समान काम करना। हमारे और हमारे प्रेमियों के लिए कुछ सी प्रेम की जगह अपने दिल में बनाएं और अच्छे काम की योजना बनाएं। हम भी आपके पीछे हैं।