संदीपा धर ने फिर जिया बचपन, ब्लॉक से टूटे आम*
क्या हम सबने बचपन में पेड़ से टूटे हुए हम नहीं देख रहे हैं? एक बच्चे के रूप में उन अनमोल पलों को फिर से जीते हुए संदीपा धर ने अपने भीतर के बच्चे को दुनियाते हुए "पेड़ों से आम चुराए"। हालाँकि आज के दौर में गर्मियों का मतलब समुद्र तट और यात्रा है, हम सभी अपने बचपन की पढ़ाई के दौरान आमों का …